नई दिल्ली।
अमेठी विधानसभा से सपा उम्मीदवार और मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला की ओर दुष्कर्म की शिकायत पर प्रदेश सरकार को एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में आठ सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। अमेठी में 27 फरवरी को मतदान होना है।
न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए। इससे पहले महिला की ओर से पेश वकील महमूद प्राचा ने आरोप लगाया कि उनकी मुवक्किल के साथ प्रजापति और उनके साथियों ने कई बार दुष्कर्म किया। उसकी बेटी के साथ भी छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न हुआ। प्रदेश के डीजीपी तक से शिकायत होने के बावजूद पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की।
प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील रवि प्रकाश मेहरोत्र ने कहा कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच की गई। इस जांच की सारी रिपोर्ट हलफनामे के साथ दाखिल की गई है। मामला तीन साल पुराना है। देरी से शिकायत करने का कारण शिकायतकर्ता नहीं बता पाई। ये मामला चुनाव के दौरान राजनीति से प्रेरित लगता है।
वर्तमान में दिल्ली में रह रही महिला ने प्रजापति और उनके साथियों पर 2013 और 2016 में सामूहिक दुष्कर्म और बेटी से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा भी मांगी है। कोर्ट ने गत 25 नवंबर को नोटिस जारी किया था और याचिकाकर्ता को सुरक्षा देने का भी आदेश दिया था।